Punjab: जिले में कई स्कूलों के नजदीक एनर्जी ड्रिंक्स के नाम पर बिक रहे तरल पदार्थ से बच्चों की सेहत बिगड़ रही है, जो स्टेटस सिम्बल बनती जा रही है। दूसरी ओर सेहत विभाग बच्चों को जागरूक करने में कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है। इन एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन से लोगों की किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग दिल, शूगर टाइप-2, डी-हाईड्रेशन व अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं जिले के विभिन्न स्कूलों के नजदीक दुकानों पर एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री होने से युवा पीढ़ी में इसके सेवन के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है, जिसे रोकना विभाग व प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।
जानकारी के अनुसार बाजारों में एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री जमकर हो रही है, जो बड़े लोगों के लिए स्टेटस सिम्बल बन चुकी है। इसके प्रभाव से अज्ञात नाबालिग व युवा वर्ग जमकर एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं, जिससे बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकास रुक सकता है। 1987 में यूरोप में पहली बार एनर्जी ड्रिंक लान्च हुई थी। इसका सेवन दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला गया। अब लोग एल्कोहल का इस्तेमाल न करते हुए एनर्जी ड्रिंक्स को पहल देते नजर आ रहे हैं।
बच्चों के विशेषज्ञ डाक्टर का कहना है कि एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन की मात्रा ज्यादा होने पर इसका सेवन करने से बच्चों के शारीरिक विकास में रुकावट आती है। एनर्जी ड्रिंक्स का लगातार सेवन करने से मानसिक विकास में भी रुकावट आती है। बच्चों के परिजनों व स्कूल प्रबंधकों को एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन पर पाबंदी लगानी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को यह सुझाव देना चाहिए कि वह एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन न करें, बल्कि अन्य तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू पानी, गन्ने का जूस इन सब का सेवन करें। असल में बार-बार एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करने से बेचैनी महसूस होने लगती है, जबकि लोगों का मानना है कि एनर्जी ड्रिंक्स से शरीर खुद को एक्टिव महसूस करता है, परंतु सच्चाई यह है कि एनर्जी ड्रिंक्स का शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कामरेड हरजिंदर सिंह गिल ने कहा कि जिले में कई स्कूलों के नजदीक एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री होना चिंता का विषय है। गर्मी का मौसम होने पर बच्चे भारी मात्रा में एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं, जो विभिन्न बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को इस मामले पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है। शिक्षा विभाग को भी एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन से परहेज करने के लिए बच्चों को जागरूक करना चाहिए।
डी.सी. संदीप कुमार का कहना है कि इस मामले पर सख्त एक्शन लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग को आदेश जारी किए जा रहे हैं। लोगों खास कर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।