kalki 2895 AD Movie : इस मूवी को जो भी देखने जाएगा, उसमें मन में यही संदेह होंगे कि क्या वाकई ‘बाहुबली’ जैसा कमाल फिर से हो पाएगा? क्या स्पेशल इफैक्ट्स में हॉलीवुड के मुकाबले ये भारतीय फिल्म खरी उतरेगी? कहीं ‘आदिपुरुष’ और ‘ब्रह्मास्त्र’जैसा गुड़गोबर तो नहीं हो जाएगा? लेकिन ये मान लीजिए कि इस मूवी के बारे में लिखने से ज्यादा देखना ज्यादा बड़ी बात है. कल्कि 2898 एडी के बारे में एक लाइन में लिखना हो तो बस इतना लिखा जा सकता है कि आपको एक बार ये फिल्म देखनी बनती है .
कहानी कल्कि भगवान के जन्म को लेकर है. जो महाभारत में अश्वत्थामा (अमिताभ बच्चन) और श्रीकृष्ण के युद्ध, संवाद और श्राप से शुरू होती है, और कृष्ण बताते हैं अश्वत्थामा कल्कि को बचाने फिर से 6000 साल बाद आएंगे. उसके बाद दिखाई जाती है 2898 की काशी, जो अब तक बर्बाद हो चुकी है. काशी में एक शैतान सुप्रीम यास्किन (कमल हासन) अपना कब्जा जमा चुका है, मूल काशी के लोग टुकड़ों के मोहताज हैं, गंगा सूख चुकी है और वो खुद एक ऐसे इलाके में रहता है, जिसे कॉम्पलेक्स कहा जाता है. लोग उसे स्वर्ग मानते हैं और किसी भी कीमत पर उसमें रहना चाहते हैं.
यास्किन का कमांडर मानस (सास्वत चटर्जी) ऐसी गर्भवती लड़कियों को ढूंढ रहा है, जिनके गर्भ का खून निकालकर यास्किन के शरीर में डालकर उसे और ताकतवर बना सके. वहीं उसके विरोधियों का भी पहाड़ियों पर एक छोटा इलाका है, जो कल्कि को जन्म लेते देखना चाहते हैं ताकि यास्किन के अत्याचारों का अंत हो सके. दोनों से इतर एक किरदार का नाम भैरवा है, जो उन लोगों को पकड़ कर पैसे कमाता है, जिनके सर पर मानस इनाम का ऐलान कर देता है. ऐसे में काशी कहीं से काशी नहीं लगती बस उसमें काल भैरव की मूर्ति की चर्चा है, एक बूढ़ी औरत भैरव को पान खिलाती है और गंगा के पानी सूखने की चर्चा है. सुमति के शरीर में कल्कि पल रहे हैं और उनको बचाने की जिम्मेदारी अश्वत्थामा की है. ऐसे में सुमति की सुपारी भी भैरव ले लेता है और भैरव व अश्वत्थामा आमने सामने होते हैं।