Know the secret of Lal Kitab: रिभुकांत गोस्वामी Ribhukant Goswami – मैंने लाल किताब के संदर्भ में इन दिनों कुछ वीडियो देखी जो कि समाज में भ्रम पैदा करने वाली है इसलिए मैंने यह विचार किया कि क्यों ना मैं इस संबंध में लाल किताब के ”रचयिता परम आदरणीय पंडित रूपचंद जोशी” जी जिन्होंने लाल किताब के अद्भुत पांच किताबें इल्म सामुद्रिक की लाल किताब के फरमान 1939, इल्म सामुद्रिक की लाल किताब के अरमान 1940, सामुद्रिक की लाल किताब तीसरा हिस्सा 1941 जिसे प्यार से लोग किताब भी कहते हैं। इल्म सामुद्रिक की लाल किताब तरमीम शुदा 1942, इल्म सामुद्रिक की लाल किताब 1952 और उनके सुपुत्र पंडित सोमदास जोशी जी जो कि रिटायर्ड है। एज ए तहसीलदार पंजाब गवर्नमेंट से जो कि इस समय 93 साल के हैं तथा उनके पुत्र श्री इकबाल चंद जोशी जी जो कि इस समय हरियाणा में रहते हैं।
उनसे मिलकर इस विषय पर चर्चा कर सत्य को स्थापित कर सकूं लाल किताब के संदर्भ में फैली भ्रांतियों के निराकरण के लिए उनसे बेहतर बताने वाला इस समय कोई नहीं है। उन्होंने लाल किताब के रचना काल के समय से पंडित रूपचंद जोशी जी की साधना को देखा और जिया है। पंडित सोमदत जी ने बताया कि उनके पिताश्री रविवार के दिन बिना अन ग्रहण किए लोगों के टेबा निशुल्क एज ए हॉबी देखते थे
उन्होंने बताया कि उनके पिताजी ने अपनी वसीयत में तमाम हुकूक उन्हें दे दिए थे परंतु ना तो उन्होंने और ना ही उनके लड़कों इकबाल चंद जोशी जो भारत में रहकर इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वह राकेश जोशी और वीरेंद्र जोशी कनाडा ने लाल किताब को ना छपवा और ना ही इस विद्या के द्वारा किसी प्रकार का फैलाया। पंडित जी के पुत्र पंडित इकबाल चंद जी ने स्पष्ट किया कि 1952 के प्रकाशित होने के बाद उनके दादाश्री ने अन्य किसी भी किताब को नहीं लिखा।
इन सब भ्रांतियों के निराकरण के लिए मैं रिभु कांत गोस्वामी पुत्र गोलक धाम निवासी दैवज्ञ पंडित वेणी माधव गोस्वामी जी उनके निवास स्थान पर गया और रूबरू उनका दर्शन तथा आशीर्वचन आप सब तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं। पंडित सोमदत जी ने इस विषय पर श्रृंखला बध तरीके से बातचीत करने के मेरे विनम्र आग्रह को स्वीकृति प्रदान कर दी है इस श्रृंखला का प्रथम पुश आप सबके सम्मुख प्रेषित कर रहा हूं।
जिसके बाद मै उनसे मिलने गया पंडित सोमदत जी से प्रार्थना कि वह अपने आशीर्वचन से सभी दर्शकों व श्रोताओं को धन्य करें
पंडित सोमदत
”इंसान बधा खुद लेख से अपने नेख विधाता कलम से हो कलम चले खुद कर्म पर अपने”
पंडित जी बड़े पंडित जी हमारे पंडित रूपचंद जोशी जी हम सबके बड़े पूजनीय है वो एक लाइन कहते थे ”नो टीचर नो थॉट” इसका क्या मतलब है और यह शब्द बोलने के पीछे पंडित जी का क्या उद्देश्य था
पंडित सोमदत
इसका मतलब है कि ना तो किसी से सीखा ना किसी को सिखाया इस गॉड गिफ्टेड था मैं पाच वर्ष का था उस वक्त ये उन्होने जो वो लिखते थे मैं पढ़ लेता था उनके साथ साथ का बोल रहा था उनको व पड़ गया कि क्या हो गया ये बच्चा एक 5 साल का लड़का किताब ”मैं लिख रहा हूं ये बोल रहा है” ये तो गॉड गिफ्टेड नो टीचर नो थॉट ना तो कोई टीचर है ना इसको किसी को सिखाया गया ना कोई गुरु ना कोई चेला तो।
इसका मतलब ये है कि पंडित जी ने अपना कोई शिष्य नहीं बनाया हां कोई टीचर नहीं बनाया और ना थॉट बनाया और ना कोई शिष्य उनका है कि जो उनके पास जैसे कई लोग कहते हैं कि किसी ने कुछ लिया मैंने ना किसी को शिष्या बनाया है।
मैंने सिर्फ इंडिया में श्री बालचंद जोशी और कनेडा में राकेश जोशी और वीरेंद्र जोशी को अपना कामदार बनाया मतलब ”आपका कहने का मतलब ये है कि”
हमारे पंडित हमारे पूज्य पंडित जी रूपचंद जी ने कोई शिष्य नहीं बनाया’? नहीं बनाया ”,’और आपने भी कोई शिष्य नहीं बनाया, और जी हां मैंने जो कुछ दिया है लड़के को दिया है।
रिभुकांत गोस्वामी Ribhukant Goswami
ठीक है मित्रों आपने स्वयं पंडित सोमदत जी जोशी जी के मुखारविंद से आपने जो शब्द सुने ”ना गुरु ना कोई चेला” यह हम सबके पूजनीय पंडित रूपचंद जी जोशी जी कहा करते थे ना उन्होंने कोई चेला बनाया ना कोई शिष्य बनाया जो आज सारे क्लेम करते हैं……. कि हम पंडित जी के पास बैठते थे पंडित जी हमारे को एक एक लाइन बताते थे हमने ही उनसे सब कुछ सीखा है आज स्वयं उन्हीं के सपूत जो कि 93 साल के है।
मित्रों मेरी 50 साल की उम्र है मैं थक रहा हूं पर हमारे बाउजी आज उनके अंदर इतना मैंने जोश देखा है और जो लाल किताब की नॉलेज इन्होंने हम सबको दी है। मेरे लिए तो यह दिन बहुत ख़ास है। मेरे पास बोले को शब्द नहीं बचे हैं और वो स्वयं कह रहे हैं कि पंडित जी ने किसी को शिष्य नहीं बनाया तो इससे बड़ा प्रमाण कोई हो नहीं हो सकता और इकबाल जी हमारे बड़े भैया हमारे साथ में इकबाल चंद जी जोशी जी जो आज लाल किताब को जो उनकी वंश परंपरा है और उसको आगे लेके चल रहे हैं वह स्वयं कह रहे हैं कि उन्होंने कोई भी पंडित जी ने कोई चीज किसी को नहीं दी है।
बस किसी और को नहीं दी इनके पास ये आप तो आगे और भी संस्मरण आएंगे पंडित जी से हमने इजाजत ली है ये हमें और और लाल किताब के बारे में बताएंगे जो आज भ्रम भ्रांतियां और जो लोगों को आज नहीं समझ में आ रहा है। उस लाल किताब को हम सही तरीके से आपको बताने की कोशिश करेंगे और उन्होंने पूरा आशीर्वाद हम सबको दिया है।
उस पहली श्रेणी में ना गुरु ना कोई चेला तो यही आपने याद रखना है” कर भला होगा भला अंत भले का भला” मित्रों आपने पंडित सोमदत जोशी जी के मुखारविंद से यह सब बातें सुनी और उन्होंने आप सभी को आशीर्वाद भी दिया और लाल किताब का पहला मंत्र आपको दिया पंडित जी की एक ही बात कहते थे ना कोई गुरु ना कोई चेला पर मित्रों जब मैं पंडित जी के पास बैठा तो मुझे एक ही बात नजर आई कि उनके मन में कितनी वेदना है कि आज लाल किताब को लेकर कितनी तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही है।
किसी के पास पंडित जी की कोई किताब है किसी के पास पंडित जी के कुछ नोट्स हैं पंडित जी ने उनको सिखाया पंडित जी ने उनको अपनी कुछ वस्तुएं दे दी है और वह सब लोग समाज में लाल किताब के प्रति भ्रम फैला रहे हैं। मेरी हाथ जोड़कर आप सभी लाल किताब के जानकारों एवं विशेषज्ञों से यह प्रार्थना है कि इस तरह भ्रम करने वाली बातें ना फैलाएं।
कृपया करके जो ऐसी बातें फैला रहे हैं उन्हें रोकें और पंडित जी के परिवार ने मुझे यह बताया है और स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया है कि हमारे परिवार से पंडित जी से जुड़ी कोई भी वस्तुएं किसी को नहीं दी गई है। ना ही पंडित जी ने किसी को अपना चेला बनाया ना ही पंडित जी के कोई गुरु थे। मेरी सबसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है। यह शब्द मेरे नहीं है यह उनके परिवार के शब्द है आप लोगों तक पहुंचा रहा हूं कृपया करके लाल किताब को ना बदनाम करें उसमें शोध करें और लोगों का भला करें। क्योंकि पंडित जी एक ही बात कहते थे ”कर भला तोहो होगा भला अंत भले का भला”