Punjab: अगर आप भी गैस सिलैंडर की ऑनलाइन बुकिंग के लिए गुगल से नंबर लेते हैं तो सावधान हो जाएं। दरअसल, गैस सिलैंडर बुक करवाने के लिए ऑनलाइन कस्टमर केयर का नंबर ढूंढना एक बुजुर्ग को महंगा पड़ा गया। गुगल पर मिले ऑनलाइन नंबर किसी गैस कंपनी का नहीं बल्कि साइबर ठगों का निकला। जिन्होंने बुजुर्ग को झांसे में ले लिया और लिंक भेज कर क्लिक करने के लिए कहा। जैसे ही बुजुर्ग ने लिंक क्लिक किया तो साइबर ठगों ने मोबाइल हैक कर बैंक अकाऊंट से 11 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए।
इस संबंध में बुजुर्ग राकेश खन्ना ने सबसे पहले 1930 पर शिकायत दी। इसके बाद थाना साइबर की पुलिस जांच दी गई। इस मामले में थाना साइबर की पुलिस ने राकेश खन्ना की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस शिकायत में राकेश खन्ना ने बताया कि वह मॉल रोड स्थित डॉ. शाम सिंह रोड पर रहते हैं। उसने गैस सिलैंडर देरी से डिलीवरी होने की शिकायत दर्ज करवानी थी। उसके पास मौजूद हैल्पलाइन नंबर 1906 मिल नहीं रहा था इसलिए 17 सितम्बर को गुगल पर कम्पनी का कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा। मगर नंबर ढुंढते हुए वह साइबर ठगों के जाल में फंस गए। जो नंबर मिला उस पर कॉल की तो सामने से बात करने वाले ने खुद को इंडेन का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताया। उसने बातें कर उन्हे झांसे में ले लिया था और कहा कि उसकी के.वाई.सी. नहीं हुई है इसलिए वह के.वाई.सी. शुल्क के लिए 10 रुपए देने को कहा, जोकि सबसिडी भुगतान और जल्दी डिलीवरी के लिए सरकारी निर्देशों का हिस्सा है।
साइबर ठग ने उसे एक व्हाट्सएप पर लिंक भेज दिया। उसने लिंक क्लिक कर जैसे ही 10 रुपए ऑनलाइन किए तो उसके खाते से अलग-अलग एंट्री कर 11 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। पता चलने पर वह तुरंत अपने बैंक पहुंचे और आग की ट्रांसफर न हो वह रुकवा दी। इस कारण बाकी पैसे बच गए। यह पैसे बंधन बैंक, एक्सिस बैंक, एन.एस.डी.एल. पेमेंट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक और एच.डी.एफ.सी. बैंक सहित 22 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। ट्रांसफर के बाद असम, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान में पैसे निकाले गए हैं।